मातम के साथ निकाला गया चेहल्लुम का जुलूस
खबर उन्नाव से है जहा रविवार को शहर में चेहल्लुम का जुलूस निकाला गया। जुलूस में लोग हाथों में अलम ताबूत लेकर मातम व सीनाजनी के साथ नम आंखों से इमाम हुसैन को याद करते हुए लोग मस्जिद पहुंचे और नौहाख्वानी की। मोहर्रम के 40वें दिन मनाए जाने वाले चेहल्लुम को लेकर मातमदार गम में डूबे थे। शनिवार सुबह से चेहल्लुम का जुलूस निकालने की तैयारी चल रही थी। दोपहर 12 बजे शहर के ज़ेर खिड़की से जुलूस निकल कर मोहल्ले चौधराने स्थित जामा मस्जिद में जाकर समपन्न हुआ। जिसमे सैकड़ों लोग नम आंखों से इमाम हुसैन को याद करते हुए जुलूस में चल रहे थे। अलग-अलग मोहल्ले से निकाला गया चेहल्लुम का जुलूस शहर के ज़ेर खिड़की से निकल कर चौधराने में ले जाया गया। जहा अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन की याद में मातम किया।
वही मौलाना आबिद आबिद अब्बास ने मजलिस पढ़ते हुए कहा की हज़रत इमाम हुसैन अलैहिसललाम की बहन जनाबे ज़ेनब द्वारा यज़ीद के दरबार में दिए गए ख़ुत्बे को विस्तार से बताया। मौलाना ने कहा की आशूर के दिन हज़रत इमाम हुसैन की शहादत के बाद हज़रत की बहन जनाबे ज़ैनब ने कूफ़ा ओ शाम में अपने खुतबो से लोगो को इमाम हुसैन अलेहिसललाम की शहादत के बारे में विस्तार से बताते हुए अपने खुतबो से जागरूक किया। मजलिस के आखिर में मौलाना ने यज़ीद द्वारा इमाम अलेहिसललाम के अहले खाना (परिवार वालो) पर किये गए ज़ुल्मों की दास्तां बताई। जिसे सुनकर मोमेनीन ने ज़ार ज़ार गिरिया किया।