परमाणु हथियार पर जापान के पूर्व पीएम शिंज़ो आबे के बयान से हलचल
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने रविवार को कहा कि उनके देश को लंबे समय से जारी एक वर्जना को तोड़ देना चाहिए और परमाणु हथियारों पर सक्रिय बहस शुरू करनी चाहिए.
आबे ने नेटो की तरह संभावित 'न्यूक्लियर-शेयरिंग' प्रोग्राम की बात कही है. यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच आबे की यह टिप्पणी काफ़ी अहम मानी जा रही है.
आबे ने टीवी प्रोग्राम में कहा, ''जापान ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर किया है और तीन ग़ैर-परमाणु सिद्धांत हैं, लेकिन इस पर बात करने के लिए कोई मनाही नहीं है कि दुनिया सुरक्षित कैसे रह सकती है.''
आबे ने 2020 में प्रधानमंत्री का पद छोड़ दिया था, लेकिन सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी में वे अब भी काफ़ी प्रभावी हैं. जापान टाइम्स के अनुसार, आबे ने कहा है कि यूक्रेन ने सोवियत यूनियन से अलग होते वक़्त सुरक्षा गारंटी के लिए कुछ परमाणु हथियार रखा होता तो शायद उसे, रूसी हमले का सामना नहीं करना पड़ता.
आबे ने कहा कि सरकार लगातार कहती है कि एशिया के सुरक्षा का वातावरण लगातार ख़राब हो रहा है. इनमें चीन की बढ़ती आक्रामकता और उत्तर कोरिया के परमाणु प्रोग्राम भी शामिल हैं. आबे ने कहा कि नेटो की न्यूक्लियर-शेयरिंग व्यवस्था एक मिसाल है कि जापान उन ख़तरों को कैसे कम कर सकता है.