अधिरंजन का शर्मनाक बयान कांग्रेस पार्टी की ओछी मानसिकता का प्रतीक
अधिरंजन का शर्मनाक बयान कांग्रेस पार्टी की ओछी मानसिकता का प्रतीक-- डॉ रश्मि सोनकर
कोरिया छत्तीसगढ़ आज जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में बाबा साहब अम्बेडकर के विचारों को जीवंत करके खुशियां मना रहा है, तब कांग्रेस की सामन्तवादी और परिवारवादी पार्टी को अत्यंत कष्ट हो रहा है। समाज के अंतिम छोर का प्रतिनिधित्व करने वाले सन्थाल जनजाति की एक महिला आज देश के सर्वोच्च स्थान पर पँहुच चुकी हैं। उनके सम्मान के लिए दो शब्द कहने के बजाय लोकसभा में इनकी पार्टी के नेता घटिया शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं और इनकी नेता जो स्वयं एक महिला हैं उन्हें बिल्कुल खेद नही है। यही चरित्र है कांग्रेस पार्टी का, इनके लिए केवल चांदी के चम्मच लेकर पैदा होने वाले निकम्मे लोग ही महत्वपूर्ण हैं। देश के सर्वोच्च पद को सुशोभित करने वाली एक अनुसूचित जनजाति की महिला के संघर्ष का सम्मान करते हुए जन्हा कई विपक्षी दलों ने उन्हें पार्टीलाइन से हटकर जिताया है। वन्ही कॉंग्रेस पार्टी की घटिया सोच सदन में भी सुनने को मिल रही है। देश की जनता ऐसे अलोकतांत्रिक नेताओं के शर्मनाक करतूत को बहुत गम्भीरता से देख रही है और समझ रही है। आने वाले समय में देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस देश में कॉंग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार होगा और यही अधिरजन जैसे लोग तमाशा देखते रहेंगे।
महामहिम का अपमान नही भूलेगा हिंदुस्तान
कांग्रेस के सांसद अधिरंजन चौधरी ने अपने पार्टी के चाल चरित्र को उजागर करते हुए निकृष्ट बयानबाजी से यह साबित कर दिया है कि महिलाओं के लिए इनके मन मे किस तरह की भावनायें है, पहली बार देश मे एक वनवासी क्षेत्र की आदिवासी महिला को मोदी जी के माध्यम से राष्ट्रपति बनाया गया है और चुनाव का परिणाम बेहद चर्चा मे रहा क्योंकि विपक्ष और विशेष कर कांग्रेस के ही कई विधायक व सांसद ने पार्टी के विरुद्ध जाकर भी आदरणीया मुर्मू जी को चुना पर अधिरंजन चौधरी, जो वाकई मे अधीर है हमेशा अपने घटिया बयान बाजी के लिए जाने जाते है जब भी मुंह खोलते है जहर जरूर उगलते है, भारतीय जनता पार्टी का एक एक कार्यकर्ता इस बयान का विरोध करता हैै | महिला का अपमान सदा से पतन का कारण बनता रहा है इतिहास इसका गवाह है।