प्रधानाध्यापिका बिना स्कूल आए वेतन ले रही थीं

in #agra2 years ago

आगरा। उत्तर प्रदेश के जनपद आगरा में शिक्षा विभाग की टीम के निरीक्षण में बड़ा मामला सामने आया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने खुलासा किया जिसमें एक प्रधानाध्यापिका बिना स्कूल आए वेतन ले रही थीं। पांच हजार रुपये में किसी और लड़की को विद्यालय में पढ़ाने के लिए रख रखा था। स्कूल का निरीक्षण करने गई टीम ने यह फर्जीवाड़ा पकड़ा। एडी बेसिक महेश चंद्र ने प्रभारी बीएसए को प्रधानाध्यापिका और संबंधित दोषियों के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समिति बनाकर प्रकरण की जांच कराई जाएगी और कड़ी कार्रवाई होगी।
मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (एडी) बेसिक ने बताया कि मंडलीय उप निरीक्षक उर्दू राकेश कुमार व मंडलीय समन्वयक मिड-डे मील राकेश कुमार पाराशर ने छह मई को जैतपुर कलां स्थित प्राथमिक विद्यालय नगला सुरई का निरीक्षण किया। प्रधानाध्यापिका सुमन सिंह अनुपस्थित थीं। उपस्थिति पंजिका में देखने से पता चला कि वह 29 अप्रैल, 2022 से बिना सूचना के विद्यालय से अनुपस्थित हैं। उपस्थिति पंजिका में 28 अप्रैल को आकस्मिक अवकाश अंकित मिला। पत्र व्यवहार में पंजिका में आकस्मिक अवकाश दर्ज नहीं था। मिड-डे मील और छात्रों की उपस्थिति पंजिका मांगने पर शिक्षक व शिक्षामित्रों ने बताया कि सभी प्रधानाध्यापिका के पास हैं। विद्यालय में साफ-सफाई और रंगाई-पुताई नहीं गई है।
आपको बता दें पूछताछ करने पर सहायक अध्यापक मनीष कुमार, शिक्षामित्र अंजू, ऊषा ने टीम को बताया कि प्रधानाध्यापिका पूनम सिंह की जगह एक लड़की पढ़ा रही है। लड़की भी मौके पर मौजूद थी, उसने बताया कि वह अक्तूबर, 2021 से विद्यालय में पढ़ा रही है, उसे 5000 रुपये प्रति माह दिए जाते हैं। मौके पर मौजूद ग्रामीण ने भी बताया कि उन्होंने कभी प्रधानाध्यापिका को नहीं देखा है।
ऐसे ही मामले बाह तहसील क्षेत्र के पिनाहट,बाह,जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र में कई स्कूलों में देखने को मिल सकते हैं जहां शिक्षक स्कूलों तक नहीं पहुंचते हैं और उनकी जगह या तो हो सहायक शिक्षक और शिक्षा मित्र हाजिरी भर देते हैं या फिर उनकी जगह दूसरी शिक्षक पढ़ाने पहुंचती है ऐसा खेल और देखने को मिल सकते हैं। जिसके लिए एडी बेसिक ने बीएसए को निर्देश दिया है कि जिलाधिकारी और सीडीओ की जानकारी में प्रकरण लाकर ब्लॉक के सभी विद्यालयों का औचक निरीक्षण कराया जाए।

अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा खेल
जिले में यह खेल विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। सात माह से विद्यालय में प्रधानाध्यापिका की जगह कोई और लड़की पढ़ा रही थी, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ने यह फर्जीवाड़ा नहीं पकड़ा। एडी बेसिक का कहना है कि बीईओ की भूमिका भी संदिग्ध है, स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। निदेशक को रिपोर्ट देकर कार्रवाई की संस्तुति करेंगे।

मिड-डे मील का भी खेल पकड़ा
बेसिक शिक्षा विभाग की टीम ने जैतपुर कलां के ही प्राथमिक विद्यालय, बड़ा गांव मिड-डे मील की गड़बड़ी पकड़ी। यहां पंजीकृत 45 की जगह 22 विद्यार्थी उपस्थित थे। मिड-डे मील के रजिस्टर में संख्या 45 ही लिखी गई थी। एडी बेसिक ने बीएसए को प्रधानाध्यापक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने और समिति बनाकर मामले की जांच कराने के निर्देश हैं। मिड-डे के लिए जारी धनराशि वापस कराने के लिए कहा है। प्राथमिक विद्यालय सुजानपुर में एकल शिक्षक हैं। कम से कम एक और शिक्षक की तैनाती के निर्देश दिए हैं।

पिनाहट,बाह, जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के दूरदराज ग्रामीण बीहड़ी इलाकों में बसे कई गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालयों में कई महीनों से शिक्षक और शिक्षिका हैं नहीं पहुंचे कभी कबार हाजिरी भरने के लिए जरूर पहुंचते हैं ग्रामीणों से मिली जानकारी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण अंचल में अगर जांच की जाए तो शिक्षक और शिक्षिकाऐं अनुपस्थित मिलेंगे, दिन का सहयोग सहायक शिक्षक या फिर शिक्षामित्र कर रहे हैं और यह खेल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के कई विद्यालयों में ऐसा खेल देखने को मिल सकता है जहां शिक्षक कभी कबार ही पहुंचते हैं और शिक्षिकाओं की हाजिरी शिक्षा मित्रों द्वारा भर दी जाती है। अगर इस पर गौर किया जाए तो बड़े खुलासे और सामने आ सकते हैं।