बिजनौर: मोर के पैरों जैसी हो गई है इंसान की जिंदगी

in #bijnor2 years ago

इंसान की ज़िंदगी भी कभी-कभी मोर के पैरो जैसी हो जाती है कभी इंसान किसी खुशी में झूमता है तो कभी अचानक किसी ग़म मे निढाल हो जाता है

बरसात में काली घटा छाए तब यह सुन्दर पक्षी पंख फैला कर नाचता है तो ऐसा लगता मानो इसने हीरों से जरी शाही पोशाक पहनी हुई हो इसीलिए मोर को पक्षियों का राजा भी कहा जाता है पक्षियों का राजा होने के कारण ही प्रकृति ने इसके सिर पर ताज जैसी कलंगी लगायी है

मोर भी अपने दिव्य पंखों को फैला कर चंद्राकार
दिशाओं को समेट कर चारों ओर मनभर नाचता है परंतु अपने पैरो को देख कर बेहाल रोता है
मोर नाचते समय अपनी एक ऐसी चीज पर ध्यान देता है जिसे देखने के बाद वो उदासी महसूस करने लगता है पूर्वजों के हिसाब से माने तो गांव देहात या शहर किसी मोहल्ले में यह जरूर सुना होगा कि जब मोर नाचता है जब वह अपने पैरों को देखता है तो खूब रोता है

नोट:-आकाश में छाए हुए बादलों को देखकर जितनी खुशी मोर को होती है उससे कहीं ज्यादा अधिक FB_IMG_1663909339783.jpgदुःख मोर को अपने पैरों की कुरूपता देखकर होता है अपने बदसूरत पैर देखकर मोर उदास होकर आंसू बहाने लगता है।

इस लेख लिखने का उद्देश्य यह है कि अपनी किसी भी उत्तम वस्तु जैसे पद पैसा जवानी के अभिमान में इतना मस्त नहीं हो जाना चाहिये कि मर्यादा ही भूल जायें।