ग्राम समाज की जमीन से अवैध कब्जा मुक्त कराने की कार्यवाही आज से

in #news2 years ago

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P. O news

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बीघापुर तहसील में किसानों की जमीन गंगा में समा जाने के बाद ग्राम समाज की जमीन पर खेती कर गरीब किसान अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। अब शासन प्रशासन इस जमीन को मुक्त कराने के लिए कार्रवाई करने जा रहा है। इसके बाद गरीब किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा होने की आशंका प्रबल हो गई है।
उन्नाव बीघापुर सदर तहसील और विकासखंड सिकंदरपुर करन के ग्राम पंचायत पाही के मजरे चंदनपुर मैं ग्राम सभा के लगभग 3 से 400 बीघा भूमि का चिन्हाकन नायब तहसीलदार के नेतृत्व में गठित दो कानूनगो और 12 लेखपालों की टीम करेगी इस कार्रवाई से कब्जेदारो में हड़कंप मच गया है। दूसरी तरफ एक बार फिर खाली होने वाली भूमि पर दबंगों की नजर पड़ गई।

पाही गांव के ग्राम प्रधान सुखराम ने ग्राम सभा की बंजर भूमि को मुक्त कराने की मांग करते हैं डीएम कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था। इसके बाद राजस्व विभाग सक्रिय है हुआ गांव के किसान महादेव राम शंकर लाल बाग दुर्गा आदि की माने तो कार्रवाई की जद में 1 सैकड़ा से अधिक किसानों का आना तय है। उनमें भी अधिकांश किसान है जिनकी 1998 में गंगा की बाढ़ में समा गई। जिन किसानों की जमीन गंगा में समा गई थी उन्होंने अपने परिवार की जीविका चलाने के लिए उक्त बंजर भूमि पर ही खेती करना शुरू कर दिया थ।

किसानों ने कहा कि बाढ़ के कारण मूल जोर गंवाई है। अब अगर यह भूमि भी चली जाएगी तो गरीब किसानों के सामने परिवार के भरण पोषण के लिए एक बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। किसानों ने कहा कि सरकारी जमीन मुक्त होना चाहता है लेकिन प्रशासन को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि वह खेत में खड़ी फसल को काटने का मौका किसानों को दे। उसके बाद यह कार्रवाई होनी चाहिए। जिन किसानों के पास खतौनी है और उनके भूमि गंगा में समा गई उन्हें जीवन यापन के लिए ग्राम समाज की भूमि आवंटित करनी चाहिए।

ग्राम प्रधान की मांग पर तहसील प्रशासन ग्राम समाज की भूमि मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं। दूसरी तरफ लोगों का दबी जबान कहना है कि ग्राम प्रधान की मांग तो एक बहाना है। सही मायने में गांव के दबंग इस भूमि को मुक्त कराने के कुछ समय बाद खुद काबिज होना चाह रहे हैं।