देखें:संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की याचिका खारिज, Court ने कहा- एक लाइन पहले सुनाकर बताओ

in #court2 years ago

images (15).jpegदेश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट में संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने को लेकर दायर की गई याचिका को अदालत खारिज कर दिया और कहा कि यह एक नीतिगत फैसला है। इसके लिए देश के संविधान में संशोधन की जरूरत है। इस दौरान न्यायालय में जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से ही संस्कृत में एक लाइन सुनाने के लिए भी कहा गया। अदालत में रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट डीजी वंजारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। उन्होंने संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित किए जाने के जरिए भाषा के प्रचार की बात की थी।

इस पर डबल बेंच में सुनवाई कर रहे जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने कहा कि यह नीति निर्णय के दायरे में आता है। जिसके लिए भी संविधान में संशोधन की जरूरत होगी। अन्य किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा घोषित करने के लिए संसद को रिट जारी नहीं किया जा सकता। जबकि बेंच ने सवाल किया कि आखिर भारत में कितने शहरों में संस्कृत बोली जाती है? वहीं वंजारा ने कहा कि वह केंद्र की तरफ से इस पर चर्चा चाहते हैं और अदालत की तरफ से दखल सरकार के स्तर पर चर्चा शुरू करने में मददगार होगा।