एएमयू में धूमधाम से मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

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अलीगढ़: अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रोफेसर नईमा खातून ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक स्ट्रेची हॉल के मंच से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ विदेशी शासन की आजादी नहीं है। बल्कि, यह ईमानदारी, न्याय और समाज की सामूहिक प्रगति के लिए एक अथक प्रतिबद्धता है। हमें ईमानदारी से काम करने, अन्याय के खिलाफ खड़े होने और अपने सभी कार्यों में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने सहित अपने कर्तव्यों को भी कभी नहीं भूलना चाहिए।

प्रो. खातून ने कहा कि हमें उन सिद्धांतों से जुड़े रहना चाहिए जिन पर हमारे देश की स्थापना हुई थी और विविधता, एकता और रचनात्मकता के धागों को बरकरार रखना चाहिए, जिनसे भारतीय संस्कृति का ताना-बाना तैयार हुआ है।

उन्होंने कहा कि अनादि काल से, महाभारत और रामायण से लेकर ताजमहल जैसे वास्तुशिल्प चमत्कारों तक, महान साहित्य, समृद्ध भाषाओँ और हमारी संस्कृति ने मानवता को समृद्ध किया है। महात्मा गांधी की अहिंसा और सत्य की शिक्षाओं ने दलितों के लिए न्याय और शांति के लिए वैश्विक आंदोलनों को प्रेरित किया है।

उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने देश के सामूहिक जीवन में, विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी, साहित्य, खेल और सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, और हमारे कई पूर्व छात्र राष्ट्रों के राष्ट्रपति, राजदूत, मंत्री और राजनीतिक दलों के प्रमुख रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एएमयू अपनी स्थापना के बाद से ही राष्ट्र निर्माण का एक अनिवार्य आधार रहा है और हमारे संस्थापक सर सैयद अहमद खान ने राष्ट्रवादी प्रतिबद्धता और प्रगतिशील आदर्शों को अपने आधारभूत मूल्यों के रूप में अपनाते हुए इस महान शिक्षण केंद्र की स्थापना की थी। वास्तव में, वसुधैव कुटुम्बकम के भारतीय दर्शन का पालन करते हुए, एएमयू एक ‘मिनी इंडिया’ होने पर गर्व करता है, जहाँ सभी प्रकार की विविधताएँ एक साथ रहती हैं और आगे बढ़ती हैं।

प्रो. खातून ने इस बात पर जोर दिया कि हाल ही में एनआईआरएफ द्वारा एएमयू को देश में 8वें सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय और 16वें सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में रैंकिंग देना उत्कृष्टता के प्रति हमारे प्रयासों को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने छात्रों के लिए जीवन में समग्र सफलता की यात्रा के लिए सपने देखने और उसकी तैयारी करने के लिए अनुकूल माहौल पैदा करने के साथ एक अधिक जीवंत और प्रगतिशील परिसर की कल्पना की है।

उन्होंने कहा कि अपने शुरुआती प्रयासों में, प्राथमिकता के आधार पर, मैं छात्रों के लिए परिसर जीवन को बेहतर अनुभव बनाने की कोशिश कर रही हूं। छात्रों के लिए परिसर को साफ और आरामदायक बनाने के लिए गर्मी की छुट्टियों के दौरान एक कड़ा अभियान चलाया गया जो सफलता के साथ पूरा हुआ और विश्वविद्यालय अब नए छात्रों के स्वागत के लिए तैयार है।

प्रो. खातून ने कहा कि भारत ने चंद्रयान और मंगलयान मिशन जैसे अंतरिक्ष अन्वेषणों में असंख्य उपलब्धियां हासिल की हैं, जो वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक नई पीढ़ी को प्रेरित करती हैं, और कृषि, कंप्यूटर विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में देश की अभूतपूर्व प्रगति केवल मील का पत्थर नहीं है वे ऐसे स्तंभ हैं जिन पर हम एक समृद्ध और प्रगतिशील भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से भारत के गौरवशाली अतीत और दूरदर्शी नेताओं से प्रेरणा लेते हुए देश की प्रगति के लिए अथक प्रयास करने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि तकनीकी प्रगति, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मानवता की उन्नति के लिए सहानुभूति और सामाजिक न्याय जैसे मूल्यों के साथ प्राप्त की जाए।

इस अवसर पर कुलपति ने रजिस्ट्रार, मोहम्मद इमरान (आईपीएस), प्रॉक्टर प्रोफेसर एम वसीम अली और एसएस हॉल (दक्षिण) के प्रोवोस्ट डॉ फारूक ए डार सहित अन्य विश्वविद्यालय अधिकारियों के साथ सर सैयद हॉल (दक्षिण) के लॉन में वृक्षारोपण किया और विश्वविद्यालय स्वास्थ्य सेवा में भर्ती बीमार छात्रों को फल वितरित किए।

स्वतंत्रता दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर उर्दू विभाग द्वारा विश्वविद्यालय पॉलिटेक्निक के असेंबली हॉल में पारंपरिक काव्य संध्या (मुशायरा) का आयोजन किया गया। कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने मुशायरा की मुशायरे की अध्यक्षता की। उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कमरुल हुदा फरीदी ने अतिथियों का स्वागत किया और प्रोफेसर सिराज अजमली ने कार्यवाही का संचालन किया।