अलीगढ़ एनजीटी का आदेश,जिले में चार महीने चलेंगे ईंट-भट्ठे,भट्टा संचालकों में मची खलबली

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brick-kiln_1610859432.jpegउत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी तादाद में एनजीटी के नियमों की अनदेखी करते हुए ईटों के भट्टे संचालित है। एनजीटी ने नियमों की अनदेखी कर गैर तरीके से चलाए जा रहे ईंट भट्टों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जिसके लिए एनजीटी के द्वारा 8 जुलाई को एक आदेश जारी किया गया है कि अलीगढ़ जिले में ईट भट्टे से 4 महीने तक मार्ग से जून तक ही संचालित हो सकेंगे। एनजीटी के द्वारा भेजे गए आदेश के बाद ईट भट्टा संचालकों में खलबली मची हुई है।
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जबकि यह आदेश एनजीटी स्तर से दिया गया है और इस आदेश के तहत अलीगढ़ जिले के ईंट भट्ठे सिर्फ चार महीने मार्च से जून तक संचालित होे सकेंगे। इस आदेश के आने के बाद भट्ठा संचालकों में काफी बेचैनी है।जबकि एनजीटी ने आठ जुलाई को एक आदेश जारी किया है। जिसमें अलीगढ़ जिले के ईंट भट्ठों के संचालन में एनसीआर के नियम लागू करने के लिए कहा गया है। इस नियम के तहत अब जिले में ईंट भट्ठे सिर्फ मार्च से जून तक चलाए जा सकेंगे। इसे लेकर ईंट भट्ठा एसोसिएशन के अध्यक्ष जनक पाल सिंह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी से भी मुलाकात की गई। इस दौरान ईट भट्ठा संचालक अध्यक्ष जनक पाल का कहना है कि एनजीटी का आदेश उन्हें मिल गया है। लेकिन इसको लेकर क्या तय करना है। यह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से अभी स्पष्ट नहीं किया गया है।जबकि एनजीटी के इस आदेश के तहत जिक जैक पद्धति से बनने वाले हाइड आउट भट्ठे संचालित किए जा सकेंगे।जिस पर तस्वीर साफ होनी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अलीगढ़ जिले में हाइड आउट भट्ठों की संख्या लगभग 40 के आसपास होगी।हालांकि वर्तमान में जिले में करीब 500 ईंट भट्ठे हैं।

इस पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी जेपी सिंह ने बताया हैं कि एनजीटी का नया आदेश उन्हें मिल गया है। एनजीटी के इस आदेश को निदेशालय भेजा गया है। निदेशालय स्तर से विधिक राय के आधार पर जिले में ईट भट्टों पर नियम लागू किए जाएंगे। इसके साथ ही बताया गया है कि सर्दियों में धुंध को ध्यान में रखते हुए यह आदेश दिया गया है। जबकि पहले से ही हड़ताल जारी है। लेकिन अब बैठक कर रणनीति बनाएंगे ओर एनजीटी के इस आदेश पर अभी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी अपनी तस्वीर साफ करनी है। लेकिन ईट भट्टा एसोसिएशन अध्यक्ष जनक पाल सिंह का कहना हैं कि कोयले की बढ़ती कीमतों के विरोध में पहले से उत्तर प्रदेश भर में ईट भट्ठा संचालक हड़ताल पर हैं। लेकिन अब आठ महीनों के उत्पादन सीजन को चार महीने किया जा रहा है। एनसीआर नियमों से ईट भट्ठे चलाने को लेकर 17 जुलाई को बैठक कर रणनीति बनाई जाएगी।