नंदलाल के जज्बे को सलाम,दोनों हाथ नहीं तो क्या? "पैरों से लिख रहा नंदलाल जिंदगी की तकरीर"
मंजिले उन्ही को मिलती है जिनके पंखों में जान होती है। पंखों से कुछ नहीं होता है हौसलों से उड़ान होती है ऐसा ही जज्बा कुछ बिहार के नंदलाल के अंदर देखने को मिला है। नंदलाल के दोनों हाथ नहीं है तो क्या हुआ। लेकिन उसके इस जज्बे ओर हौसले को देखकर सलाम करने का दिल करता है। क्योंकि बिहार का नंदलाल जिंदगी की तकदीर को दोनों हाथ न होने के चलते अपने दोनों पैरों से लिख रहा है। जिसका कुछ ही सेकेंड का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी के साथ वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है बिहार के नंदलाल के जिस्म पर दोनों हाथ नहीं है, लेकिन अगर हौसला है तो उसके लिए दो पैर ही काफी है। दोनों पैरों के बलबूते नंदलाल अब अपनी जिंदगी भी तकदीर लिखने पर लगा हुआ है।