अलीगढ़ सपा नेता रुबीना खानम ने ज्ञानवापी पर दिया बड़ा बयान,हिंदू-मुस्लिम सभी कर रहे तारीफ

in #aligarh2 years ago

अलीगढ़ सपा नेता रुबीना खानम का कहना है कि अगर ये साबित हो जाता है मंदिर तोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई,तो उलेमा, धर्मगुरु, कौम को उस जमीन को हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए, क्योंकि इस्लाम में ऐसी जगह पर नमाज पढ़ना नाजायज हैं।

अलीगढ़ जिले में विवादित बयान देने के चलते सुर्खियों में रहने वाली समाजवादी पार्टी की कद्दावर नेता रुबीना खानम ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर बड़ा20220518_173632.jpg बयान दिया है। रुबीना खानम ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर एक वीडियो जारी करते हुए कहा है कि हिंदू पक्ष ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर दावा कर रहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पर पहले प्राचीन मंदिर था। आरोप है कि मुस्लिम शासक ने बलपूर्वक मंदिर को तोड़कर वहां पर ज्ञानवापी मस्जिद बनाई गई थी। ऐसे में उनका अपने धर्म के उलेमाओं और धर्मगुरुओं को कहना है कि इस मामले को उन्हें समझना चाहिए। कि यदि यह साबित हो जाता है कि वहां पर प्राचीन काल में मंदिर था और मुस्लिम शासक के द्वारा बलपूर्वक मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। तो इस बात को मुस्लिम समाज एवं उलेमा, धर्मगुरु, कौम को समझना चाहिए। कि किसी भी कब्जा की गई जमीन या छीनी गई जगह पर बल-पूर्वक कब्जा किया गया है। तो इस्लाम में ऐसी जगह पर नमाज पढ़ना उनके लिए हराम है। क्योंकि ऐसे में अगर यह बात साबित होती है। तो उलेमा,धर्मगुरु, कौम को उस जमीन को हिंदू भाइयों को दे देना चाहिए।

रुबीना ने इससे पहले हिजाब को लेकर भी बयान दिया था कि यदि कोई हमारे हिजाब पर हाथ डालेगा तो उसके हाथ काट दिए जाएंगे। दूसरा बयान रुबीना ने लाउडस्पीकर को लेकर कहा था कि मुसलमान समुदाय को छेड़ने की कोशिश ना करें, अगर ऐसा हुआ तो हम महिलाएं मंदिरों के बाहर बैठकर लाउडस्पीकर पर कुरान का पाठ करेंगे। जिस पर रुबीना के खिलाफ थाना सिविल लाइन में मामला दर्ज हुआ था। रुबीना ने ज्ञानवापी को लेकर नया वीडियो जारी किया है।
रुबीना ने वीडियो जारी कर कहा कि आजकल जो यह ज्ञान वापी मस्जिद का मसला चल रहा है। यह मामला बहुत ज्यादा चारों तरफ फैला है कि ज्ञानवापी मस्जिद नहीं है वहां प्राचीनकाल में मंदिर था। तो इस मामले में मेरा यह कहना है और मैं मानती हूं इस मामले में कि हिंदू पक्ष जो दावा कर रहा है ज्ञानवापी मस्जिद जो है वहां प्राचीन काल में मंदिर था और किसी शासक ने बलपूर्वक इस मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई थी। तो मैं यहां पर यह कहना चाहती हूं अपने धर्म गुरुओं से कि हमारे धर्म गुरुओं को इस बात को समझना चाहिए और उलेमाओं को भी इस बात को भी समझना चाहिए कि वाकई यह बात साबित हो जाती है कि प्राचीन काल में वहां पर मंदिर था और किसी हमारे शासक ने बलपूर्वक मंदिर को तोड़कर वहां पर मस्जिद बनाई थी। तो यह बात तो हमारे मुस्लिम समाज को, उलेमाओं को, धर्म गुरुओं को समझनी चाहिए कि किसी भी कब्जा की हुई जमीन पर, किसी भी छीनी हुई जमीन पर बल पूर्वक कब्जा किया गया है तो हमारे इस्लाम में वहां पर नमाज पढ़ना हराम है। इसलिए अगर यह बात साबित होती है तो हमारा मुस्लिम समाज, हमारे धर्म गुरु, उलेमा उस जमीन को हिंदू पक्ष को वापस कर दें। लेकिन इसके लिए मैं भारत सरकार से अपील करती हूँ कि वह माननीय सुप्रीम कोर्ट के जरिए इसकी उच्च स्तरीय तरीके से उसकी जांच कराएं। और यह दावा सही निकलता है तो जमीन हिंदू पक्ष को जानी चाहिए और अगर ये दावा गलत निकलता है तो फिर हिंदू पक्ष को यह दावा छोड़ना होगा शांतिपूर्ण तरीके से, और ये जमीन मुसलमानों को मस्जिद के लिए वापस देना चाहिए और कोई हंगामा नहीं करना चाहिए।