हत्या के 24 साल बाद एडीजे-17 की अदालत ने 4 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा,रंजिश में हुई थी हत्या

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20220325_120614.jpgअलीगढ़: जिला सत्र न्यायालय अलीगढ़ एडीजे 17 की अदालत में थाना अकराबाद क्षेत्र के गांव नगला मिर्जा में 28 मार्च 1999 को जमीनी रंजिश में हमलावरों के द्वारा पिता-पुत्र पर गोलियां बरसाई गई थी। जिसमें पिता खूब सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी. जबकि बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस ने 5 हमलावरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जिसमें एक हमलावर की अदालत में सुनवाई के दौरान मौत हो गई ।1999 में खूब सिंह की हत्या के मामले में अदालत ने 4 दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए 17-17 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोका गया हैं।

अकराबाद क्षेत्र के गांव नगला मिर्जा में 1999 में जमीनी बैनामे से जुड़ी रंजिश में हुई बुजुर्ग ग्रामीण की हत्या के चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह फैसला एडीजे-17 मनोज कुमार सिद्धू की अदालत से सुनाया गया है। अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी सुधांशु अग्रवाल के अनुसार घटना 28 मार्च 1999 की है। गांव नगला मिर्जा में विनोद व उनके पिता खूब सिंह अपने खेत पर थे।तभी नामजद हथियारों सहित हमलावर होकर आए और धमकी देते हुए पिता-पुत्र पर फायरिंग कर दी। पिता की मौके पर मौत हो गई, जबकि विनोद बाल-बाल बच गया। मुकदमे में नाहर सिंह, सुशील, पप्पू, मुकंदी, कल्लू व शीलेंद्र नामजद किए गए। जिनमें से कल्लू, पप्पू, मुकंदी, नाहर सिंह व शीलेंद्र पर चार्जशीट दायर की गई।सत्र परीक्षण के दौरान कल्लू की मौत हो गई। अब न्यायालय में साक्ष्यों व गवाही के आधार पर सगे भाई पप्पू, मुकंदी, गांव के नाहर सिंह व शीलेंद्र को दोषी करार देते हुए उम्रकैद व 17-17 हजार रुपये जुर्माने की सजा से दंडित किया है। साथ में तय किया है कि जुर्माना राशि में से 50 फीसदी राशि पीड़ित पक्ष को दी जाए। अगर जुर्माना जमा नहीं करते हैं तो उनकी संपत्ति से जुर्माने की वसूली की जाए।

वही हत्या की इस घटना के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से भी बचाव में फायरिंग की गई थी, जिसमें हमलावर पक्ष के तीन लोग मुकंदी, पप्पू व कल्लू जख्मी हुए थे। मामले में घटना के तीन दिन बाद यानि 31 मार्च 1999 को मुकंदी की ओर से हमले का मुकदमा धर्मपाल, रनवीर, जवाहर, ओमपाल, हरेंद्र, श्यामपाल, रामनरेश पर दर्ज कराया गया था। जिसमें आरोप था कि जमीन के बैनामे से जुड़ी रंजिश में हम पर खेत पर हमला किया गया। थाने पर मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस मुकदमे में कोर्ट के सामने चार्जशीट दायर की। जबकि अदालत में सत्र परीक्षण के दौरान धर्मपाल, रनवीर व जवाहर की मौत हो गई। बाकी ओमपाल, हरेंद्र, श्यामपाल व रामनरेश को न्यायालय ने 5-5 वर्ष कैद व 7-7 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। 4 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई जाने के बाद पुलिस अभिरक्षा में जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया।