ओवरलोड वाहन और ओवरस्पीड ले रही है जान, जानकर भी सिस्टम अनजान
अलीगढ़ 7 सितंबर : (डेस्क) प्रदेश भर में अलीगढ़ सडक़ हादसों के लिए सबसे ज्यादा बदनाम है । जिले में हर दूसरे दिन किसी न किसी की सडक़ दुर्घटना में जान जाती है। वाहनों की बढ़ती रफ्तार जिंदगी पर खासी भारी पड़ रही है।
सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई प्रयास कर रही हैं। मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन करके सख्त दंड का प्रावधान किया गया है। ओवरस्पीड और ओवरलोड वाहनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। हालांकि, हर दिन होने वाले हादसे इन प्रयासों को व्यर्थ साबित कर रहे हैं।
हाथरस में हुई दर्दनाक दुर्घटना
हाल ही में, हाथरस में एक बस और लोडिंग वाहन की टक्कर में 12 लोगों की मौत हो गई। अधिक यात्रियों को लेकर जा रहे ओवरलोड वाहन और तेज रफ्तार के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ। घायलों ने मौत के तांडव का सामना करने की कहानी सुनाई।
अलीगढ़ में हुआ हादसा
अलीगढ़ में भी एक हादसा हुआ, जिसमें एक मिनी बस और टेंपो की टक्कर में कई लोगों की जान गई। तेज रफ्तार और ओवरटेक करते समय बस का नियंत्रण खो देने से यह हादसा हुआ। एजेंसी संचालक बस चालक की गलती बता रहे हैं।
सड़क दुर्घटनाओं का असर
सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली जानमाल की क्षति से परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। अक्सर घायल लोगों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाता, जिससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। इन हादसों से समाज और राष्ट्र को भी आर्थिक नुकसान होता है।
निष्कर्ष
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के साथ-साथ नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। ओवरस्पीड और ओवरलोड वाहनों का प्रयोग बंद करना होगा। सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना होगा। केवल तभी हम हाथरस और अलीगढ़ जैसे दर्दनाक हादसों से बच सकते हैं।