चीनी पर सरकार के फैसले से बिगड़ी निवेशकों की मिठास, हो गया तगड़ा नुकसान

in #sugar2 years ago

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सरकार ने एक बयान में कहा कि चीनी सत्र 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में चीनी की घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए एक जून से चीनी निर्यात को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है।
घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बढ़ाने और मूल्यवृद्धि पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा एक जून से चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद यानी बुधवार के कारोबार में चीनी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।

किस शेयर के क्या हाल: बीएसई में डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज के शेयर में 13.40 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि द्वारिकेश शुगर में 9.38 प्रतिशत, उत्तम शुगर मिल्स के शेयर में 9.30 प्रतिशत और बलरामपुर चीनी मिल्स के शेयर में 8.56 प्रतिशत की गिरावट आई। साथ ही अवध शुगर एंड एनर्जी में 8.04 प्रतिशत, श्री रेणुका शुगर्स में 6.69 प्रतिशत और मवाना शुगर्स में 4.97 प्रतिशत की गिरावट आई।

सरकार ने एक बयान में कहा कि चीनी सत्र 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में चीनी की घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए एक जून से चीनी निर्यात को विनियमित करने का निर्णय लिया गया है।

वहीं, केंद्र ने चीनी की घरेलू उपलब्धता और कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए सितंबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में चीनी निर्यात की सीमा एक करोड़ टन करने की अधिसूचना जारी की है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा 24 मई की देर रात को अधिसूचना जारी की गई।

कोई खास असर नहीं : चीनी उद्योग के निकाय भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने कहा कि सरकार के सितंबर को समाप्त होने वाले विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी निर्यात की सीमा एक करोड़ टन तक सीमित करने के निर्णय से कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसकी वजह यह है कि चीनी मिल मालिकों द्वारा लगभग 90-95 लाख टन चीनी का ही निर्यात किये जाने की संभावना है