अमेठी मे प्रदेश का पहला लेदर क्लस्टर कारखाना बनकर तैयार हो चुका है

in #uddhyog2 years ago

अमेठी के जगदीशपुर स्थित यूपीएसआईडीसी में प्रदेश का पहला लेदर क्लस्टर कारखाना बनकर तैयार हो चुका है। करीब पांच करोड़ की लागत से लगे कारखाने में 600 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस कारखाने में सैंडल, लेदर जैकेट, हैंडबैग, पर्स समेत कई चीजें बनाई जाएंगी।भारत सरकार की लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय के स्फूर्ति योजना के तहत स्थापित इस कारखाने का उद्द्घाटन जल्द ही सांसद और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी कर सकती है। जिले के औद्योगिक क्षेत्र जगदीशपुर में जल्द ही लेदर
सामग्रियों का उत्पादन शुरू हो जाएगा। पांच करोड़ रुपये की लागत से एक लेदर उद्योग कलस्टर की स्थापना हो गई है। इस उद्योग से जुड़े 600
कामगारों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इस कारखाने से जगदीशपुर समेत अन्य चार ब्लॉक क्षेत्र के लोगों को भी रोजगार का अवसर मिलेगा। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार की ओर से संचालित स्फूर्ति योजना के तहत जिले के जगदीशपुर में लेदर उद्योग कलस्टर स्थापित
कर दिया गया। मंत्रालय द्वारा लेदर क्षेत्र में पारंपरिक ढंग से कार्य कर रहे उद्योगों तथा उनके कारीगरों का कौशल विकास कर उनकी आय में वृद्धि करने की योजना है। इसके तहत उद्योगों और कारीगरों को प्रतिस्पर्धा बनाने के लिए उन्हें समूह में संगठित कर उनके दीर्घकालिक स्थिरता और पैमाने की अर्थव्यवस्था के लिए समर्थन प्रदान किया जा रहा है। कलस्टर स्थापित कर कामगारों को नए उत्पादों, डिजाइन और बेहतर पैकेजिंग के लिए प्रशिक्षित कर विपणन बुनियादी ढांचे में सुधार कर ऐसे उत्पादों की क्षमता में वृद्धि की जाएगी। इस सेंटर में लेदर कलस्टर के क्षेत्र में कार्य
कर रहे 600 कामगारों को प्रशिक्षण देकर उन्हें उच्च गुणवत्ता के शूज, सैंडल, लेदर जैकेट, हैंडबैग व पर्स आदि बनाना सिखाया जाएगा। इसके साथ ही
इस क्षेत्र के अन्य उद्योग एवं कारीगरों को आधुनिक तकनीकी की मशीनों के माध्यम से अपने उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाते हुए उत्पाद की लागत में कटौती
कर बेहतर मार्केटिंग एवं बिक्री की व्यवस्था कराते हुए उनकी आय में बढ़ोत्तरी कराई जाएगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इच्छुक कामगारों को इसी इकाई में रोजगार देते हुए काम करने का मौका दिया जाएगा। इस कारखाने के संचालन के बाद जगदीशपुर के साथ ही ब्लॉक क्षेत्र बाजारशुक्ल, जायस, जामो व गौरीगंज के युवाओं को भी मौका दिया जाएगा। इसमें इन ब्लॉक क्षेत्र के करीब 1000 युवाओं को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। यहाँ बनी चीजों को बेचने के लिए लखनऊ, दिल्ली,चेन्नई और विदेश के थाईलैंड और मलेशिया की बड़ी कंपनियों से समझौता किया जा चुका है।वही कारखाने के निदेशक इंजीनियर संजय सिंह ने बताया कि जिस क्षेत्र में पुराने लोग काम कर रहे होते है उन्हें नई मशीनें देकर नए तरीके से काम करना सिखाया जाता है। इस कारखाने में 625 लोगो को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।मार्केट लिए पूरा उत्तर प्रदेश कवर करेंगे जबकि साउथ में चेन्नई दिल्ली और विदेश में मलेशिया, थाईलैंड मे स्थित बड़ी कंपनियों से हमारा समझौता हो वही कारखाने में काम कर रहे युवक ने कहा कि इस काम के लिए जितना पैसा हम लोगों को दिल्ली में मिलता था उससे ज्यादा पैसा हमे यही मिल रहा है। हम अपने घर मे है और परिवार की देखभाल भी आसानी से कर ले रहे है।

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