देश की राजधानी दिल्ली में किडनी रैकेट गैंग का खुलासा

in #rakeshsoni12 years ago

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देश की राजधानी दिल्ली में पकड़ा गया किडनी रैकेट

दक्षिणी दिल्ली के हौज खास थाने की टीम ने किया किडनी रैकेट गैंग का खुलासा

किडनी रैकेट बैंक में 10 लोगों की हुई गिरफ्तारी,, जिसमें एक बड़े अस्पताल का नामी डॉक्टर भी शामिल

7 महीने से चल रहे किडनी रैकेट गैंग ने 15 ट्रांसप्लांट किए

एक ट्रांसप्लांट के बदले लेते थे 30 लाख रुपया,, जबकि गरीब असहाय डोनर को देते थे महज 2-3 लाख रुपए

दिल्ली में अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट वाले गैंग को दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है। दक्षिणी दिल्ली के हौज खास थाने की टीम ने महज 6 दिनों के अंदर इस रैकेट के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इसमें से एक दिल्ली के बड़े नामी अस्पताल के डॉक्टर भी शामिल है। गैंग के रैकेट के तार दिल्ली से लेकर हरियाणा तक जुड़े थे। किडनी लेने के लिए गरीब असहाय लोगो को बनाते थे निशाना।

देश की राजधानी में ऐसे रैकेट का सक्रिय होना हैरान कर देने वाली बात है। बेशक दिल्ली पुलिस ने किडनी ट्रांसप्लांट के इस रैकेट को पकड़कर बेहद अच्छा काम किया है,, क्योंकि यह गैंग गरीब लोगो को बरगलाकर उनसे किडनी ले लेते थे,, यह गैंग जिसकी किडनी निकलता था उस महज 2-3 लाख रुपए देते थे,,, जबकि एक किडनी के बदले वह पैसे वाले मरीजों से 30 लाख रुपए लेते थे,,, दिल्ली पुलिस ने इस किडनी रैकेट में जो 10 लोग पकड़े हैं उनमें से एक नामी अस्पताल का डॉक्टर है। जिसका नाम है डॉक्टर सौरभ मित्तल। किडनी ट्रांसप्लांट का यह सारा रैकेट कैसे काम करता था,, हम आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे,,,, 26 मई को हौज खास थाने में एक खुफिया जानकारी मिली,, कि हौज खास जैसे पॉश इलाके के एक लैब में अवैध रूप से किडनी ट्रांसप्लांट का टेस्ट किया जा रहा है। बस इतनी सी इंफॉर्मेशन ले दिल्ली पुलिस के होश उड़ा । दिए दिल्ली पुलिस की महिला एसएचओ सिवनी सिंह ने आला अधिकारियों को इस मामले की जानकारी देकर तुरंत एक टीम बनाई और इस खुफिया जानकारी पर लग गई। दिल्ली पुलिस की टीम हौज खाश के उस लैब में पहुंचे। उन्हें एक पीड़ित भी मिल गया जिसे किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उकसाया जा रहा था। साथ ही दिल्ली पुलिस को वहां से दो लोगों को पकड़ा,, सर्वजीत जयसवाल और शैलेश पटेल ये दोनों दिल्ली के अस्पताल के बाहर गरीब मरीजों को बहला-फुसलाकर यहां टेस्ट के लिए लाते थे,,, यहीं से गरीब लोगों के माइंड वाश का काम करता था। उन्हें किडनी को देने के लिए वर्गलाते थे । पैसों की तंगी में लोग इनके झांसे में आ जाते थे। हौज खास के लैब में दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद लतीफ को पकड़ा जो बिना प्रिसक्रिप्शन के अवैध तरीके से ट्रांसप्लांट के लिए टेस्ट कर रहा था,, पुलिस ने जब इन तीनों से पूछताछ की तो इस रैकेट की गुत्थी खुलती चली गई। उसके बाद दिल्ली पुलिस हौज रानी और पश्चिम विहार पहुंची जहां
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लैब में टेस्ट के बाद किडनी देने वाले लोगों को रखा जाता था,, इन दोनों जगह पर दो और आरोपी मिले, विकास और रंजीत गुप्ता। इन दोनों का काम था मरीजों को दिल्ली में ठहराना। पकड़े गए इस रैकेट के इन 5 लोगों का काम दिल्ली में इतना ही था,, इन 5 लोगों के पूछताछ के बाद,, इस रैकेट की गुत्थी सुलझने के बजाए और उलझती गई । इन पांचों से मिली जानकारी के बाद इस रैकेट के तार ट्रांसप्लांट के लिए हरियाणा तक पहुंचने वाला था। दिल्ली पुलिस जब पकड़े गए गैंग के लोगों से थोड़ी सख्ती से पूछताछ की,, तो उन्होंने बताया कि यहां से वह मरीजों को हरियाणा सोनीपत के गोहाना इलाके में लेकर जाते थे,,, दिल्ली पुलिस को इस रैकेट को पकड़ने के लिए चुनौती लगातार बढ़ती जा रही थी। लेकिन दिल्ली पुलिस पूरे एहतियात के साथ लगातार इस रैकेट के पीछे काम कर रहे थे। क्योंकि यह पूरा मामला मेडिकल ग्राउंड का है,, इतने बड़े स्तर पर ऐसे अपराध काफी रेयर होते हैं,, इन पांचों से मिली जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस ने यह तय किया कि वह हरियाणा सोनीपत के गोहाना इलाके में जाएगी और इस रैकेट के हर हिस्से को बेनकाब करेगी। गोहाना जाने से पहले दिल्ली पुलिस ने FSL की पूरी टीम हौज खास थाने की टीम को लेकर वह अस्पताल में पहुंच। दरअसल किडनी ट्रांसप्लांट का को मुख्य काम था,, वो यही पर होता था,,, पकड़े गए गैंग के लोगों के इंफॉर्मेशन के मुताबिक जब वह गुहाना पहुंचा तो देखा यहां दो मंजिला एक अस्पताल है। जिसका नाम था श्री रामचंद्र हॉस्पिटल,,, क्योंकि दिल्ली पुलिस पूरी तैयारी के साथ वहां गई थी,, लिहाजा उन्होंने जब इस अस्पताल के अंदर छापा मारा तो देखा इस गांव जैसे जगह पर ,, किडनी ट्रांसप्लांट करने वाले वह सारे मशीन थे। पुलिस को इस बात को समझने में देर नहीं लगी की रैकेट का असली काम यहीं पर होता था,, क्योंकि किसी भी किडनी को ट्रांसप्लांट करने के लिए कई सारे मेडिकल स्टाफ की जरूरत होती है,, ऐसे में अब पुलिस के सामने सवाल था की आखिर में इस ट्रांसप्लांट के पूरे प्रक्रिया को कौन करता है । दिल्ली पुलिस ने गुहाना के अस्पताल में जब इस बात की छानबीन की तो पता लगा, अस्पताल, डॉक्टर सोनू रोहिल्ला नाम के डॉक्टर की है। पूछताछ में पता लगा डॉक्टर सोनू रोहिल्ला कई दशकों से मेडिकल लाइन में काम करता था, और फर्जी डिग्री बनाकर वाह इस अस्पताल को अवैध तरीके से चला रहा था। दिल्ली पुलिस को सोनू रोहिल्ला भी मिल गया,, लेकिन किडनी ट्रांसप्लांट करने के काबिलियत पर दिल्ली पुलिस को उस पर शक था। लिहाजा दिल्ली पुलिस ने जब डॉक्टर सोनू से थोड़ी सख्ती दिखाएं,, उसके बाद डॉक्टर सोनू ने पुलिस को जो बताया वह सुनने के बाद दिल्ली पुलिस के होश फाख्ता हो गए,,, जी हां,, डॉक्टर सोनू जुबान से को नाम निकला उसे सुनकर दिल्ली पुलिस भी हैरान हो गई। डॉक्टर सोनू ने अग्ला को नाम बताया,, वह था डॉक्टर सौरव मित्तल। डॉक्टर सौरभ मित्तल दिल्ली के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक ,, अस्पताल का डॉक्टर था,, जो इस रैकेट में किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए खास दिल्ली से हरियाणा आता था,, और रातों-रात किडनी ट्रांसप्लांट करके वह दिल्ली लौट जाता था,, किडनी ट्रांसप्लांट के नाम पर वह डॉक्टर 3 लाख रुपए लेता था,, DCP ने उस डॉक्टर के नाम का खुलासा किया और उस डॉक्टर का नाम था डॉक्टर सौरभ मित्तल क्यों दिल्ली के बड़े अस्पताल का जाना माना डॉक्टर था,,, किडनी रैकेट का तार दिल्ली से हरियाणा और एक बार फिर हरियाणा से दिल्ली की ओर घूम गया,, ऐसे में दिल्ली पुलिस बिना देरी किए दिल्ली पहुंची और डॉक्टर सौरभ मित्तल को भी अरेस्ट कर लिया,, क्योंकि किडनी ट्रांसप्लांट कोई आम सर्जरी नहीं है ,, इसमें और भी लोग लगते हैं । लिहाजा दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में एक नामी डॉक्टर के साथ साथ 7 लोग आ चुके थे। जब दिल्ली पुलिस सातों से पूछताछ की उसके बाद तीन और नाम आए,, कुलदीप राय, ओम प्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी। यह तीनों ही OT टेक्नीशियन है और किडनी ट्रांसप्लांट के दौरान यह लोग भी इस गैंग के हिस्सा बनकर काम करते थे।

पुलिस की गिरफ्त में आया यह किडनी गैंग,, कोई नामी डॉक्टर है,, तो कोई फर्जी डॉक्टर,, कोई OT टेक्निशियन यानी, यह सारे ही मेडिकल लाइन से जुड़े लोग हैं। शॉर्टकट में पैसा बनाने के चक्कर में इन लोगों ने किडनी रैकेट गैंग को बनाया,, दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी ने बताया किया लोग एक किडनी के लिए 30 लाख रुपए लेते थे,, यह राईकट पिछले 7 महीने से काफी सक्रिय था। इतने ही दिनों में इन्होंने लगभग 15 किडनी ट्रांसप्लांट कर, करोड़ों की कमाई कर ली थी । इस गैंग के लोग इतना शातिर था,, किडनी ट्रांसप्लांट जरूरतमंदों को ऑनलाइन भी खोजा करते थे। किडनी गैंग से ग्रसित लोग भारत के कई राज्यों से हैं जिनमें से चार लोगों को दिल्ली पुलिस ने आईडेंटिफाई कर लिया है यह चारों भारत के अलग-अलग राज्यों से है।

IMG-20220602-WA0010.jpgशॉर्टकट में पैसा कमाने के लिए यह किडनी गैंग काम कर रहा था ।लेकिन दिल्ली पुलिस के जवानों के मुस्तैदी की वजह से यह रैकेट और लोगों को अपना शिकार बनती,, उससे पहले ही यह लोग पुलिस के शिकंजे में आ गए,,, इस खबर में एक खास बात हम आपको यह भी बता दें,, कि दिल्ली में यह पहली बार हुआ है,, जब इतने शातिर रैकेट को पकड़ने के लिए सिर्फ अकेले थाने के स्टाफ ने सारा काम किया है। अमूमन ऐसे बड़े रैकेट को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के हर जिले में ही कई अलग से टीम में होती है। जो खासतौर पर ऐसे राकेट को पकड़ने के लिए कार्य करती है,,, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी एक थाने के स्टाफ ने इतने बड़े रैकेट को पकड़ा है ,,, वह भी मैं 6 दिनों के अंदर 10 आरोपी पकड़े है,, नासिर पकड़े है बल के इनके खिलाफ सबूत भी भारी मात्रा में जुटाई है। इस गैंग के 4 सदस्यों को जुडिशल कस्टडी मिली है जबकि 6 सदस्यों को कोटद्वारा चार दिनों का पुलिस रिमांड मिला है,, यकीनन दक्षिण दिल्ली के हौज खास थाने की पूरी टीम ने जो काम किया है वह काबिले तारीफ के है 10 गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली पुलिस की टीम इस केस पर और भी काम कर रही है,, हो सकता है आने वाले दिनों में किडनी राकेट गैंग की गुत्थी में और भी नाम मिले जो इस गैंग को चलते हों।