करीब 27 दिन के धक्के के बाद मिली लाश, परिजन ने की सीबीआई जांच की मांग
दिल्ली के मुंडका अग्निकांड जिसे शायद कभी भुलाया नहीं जा सकता. वहीं हादसे के 27 दिनों के इंतजार के बाद बुधवार को आखिरकार तीन परिवार का इंतजार समाप्त हुआ. इतने लंबे समय के बाद तीन परिवार को इस हादसे में जान गवां चुके मृतकों का शव सौंपा गया. इन तीन मृतकों की पहचान मधु, मुस्कान और नरेंद्र के रूप में हुई जिन्हें डीएनए रिपोर्ट आने के बाद परिजनों को उनके शव सौंप दिए गए. वहीं परिजनों ने यह आरोप लगाया है कि प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं की जा रही है.
संजय गांधी अस्पताल के शवगृह में मौजूद मुस्कान के बड़े भाई इस्माइल खान ने मुंडका हादसे की सीबीआई जांच की मांग की है. इस्माइल का कहना है कि 25-26 दिन धक्के खाने के बाद उन्हें अपनी बहन का शव मिल पाया है. आपको बता दें कि करीब सात माह पहले पिता को खोने के बाद छोटी बहन की मौत का सामना करना पड़ रहा है. इस्माइल ने कहा कि 25 दिन तक वे लोग मुंडका थाना, एसडीएम ऑफिस और विधायक आफिस का चक्कर लगाकर थक चुके थे. इतना ही नहीं उन्होंने सरकार पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि अभी तक दस लाख रुपये की सहायता मिलने वाली राशि भी नहीं मिली है. वह कहते हैं कि सरकार कम से कम परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलवाए ताकि परिवार के बचे लोगों का पालन पोषण किया जा सके. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने का भी अनुरोध किया है.
गौरतलब है कि विगत 13 मई को मुंडका इलाके में एक सीसीटीवी के गोदाम में आग लग गई थी. इस हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें 8 शवों की पहचान करके उनके परिजनों को पहले ही सौंप दिया गया था, लेकिन बाकी 19 शवों की शिनाख्त ना होने के कारण उनके शवों को संजय गांधी मोर्चरी में सुरक्षित रखवा दिया गया था और परिजनों के डीएनए सैंपल लेकर शवों की पहचान के लिए एफएसएल भेजा गया था. और आखिरकार कुछ लोगों की डीएनए रिपोर्ट आई जिसके बाद उनके परिजनों को शव सौंप दिए गए.
दुःखद घटना थी