देवांश केसरी को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया

in #delhi2 years ago (edited)

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अपनी स्मरण शक्ति की प्रतिभा से हार किसी को हैरान कर देने वाले महज तीन साल 7 महीने के देवांश केसरी ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराकर अपने परिवार का नाम रोशन किया है. दरअसल रोहिणी सेक्टर 21 में रहने वाले देवांश केसरी के पिता ज्ञान प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से सम्मान पत्र भेजा गया है. उन्होंने कहा कि इस सम्मान के बाद पूरे परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है. आस पड़ोस के लोग और अन्य रिश्तेदार भी इस सम्मान के बाद देवांश को बधाई दे रहे हैं. देवांश के पिता ज्ञान प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के बाद अब वह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के लिए प्रयास करेंगे. वहीं देवांश की इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बाद उसकी मां पायल केसरी ने इस सम्मान के लिए पूरा श्रेय देवांश को दिया. उन्होंने देवांश के इस रिकॉर्ड पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ये उसकी प्रतिभा का ही परिणाम है कि उसने ये कर दिखाया. उन्होंने कहा कि आज पूरा परिवार इस खुशी में जश्न मना रहा है. साथ ही देवांश के पिता ज्ञान प्रकाश ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि उनके बच्चे को सही दिशा प्रदान करने के लिए सरकार की तरफ से मदद की जाए ताकि वह अपने परिवार के साथ पूरे समाज और देश का नाम रोशन कर सके.
आपको बता दे कि महज तीन साल सात माह की उम्र में देवांश दुनिया के 214 देशों के नाम उन देशों के राष्ट्रीय झंडे को देख झट से पहचान लेता है. देवांश को करीब 50 वैज्ञानिकों और उनके आविष्कार भी याद हैं जिसे वह धड़ल्ले से बता देता है. इतना ही नहीं देवांश को सभी भारतीय राज्यों के नाम उनकी राजधानियों के साथ याद हैं. देवांश को सिर्फ फूल और फलों के नाम ही नहीं बल्कि उसे उनके वैज्ञानिक नाम भी अच्छी तरह से याद है. देवांश की इसी प्रतिभा को देखते हुए उसे इंडिया बुक आफ रिकार्ड्स से भी सराहना मिली और उसकी इस प्रतिभा के लिए सर्टिफिकेट और मेडल से सम्मानित भी किया गया.