अपनी गैरत से जला चित्तौड़ का रावण

in #news2 years ago

--अतिथियों के जलाने से पहले ही धूं-धूं कर जल उठा
--00.jpgचार साल बाद मेले में उमड़ी भीड़
चित्तौडग़ढ़। चित्तौडग़ढ़ जिला मुख्यालय पर नगर परिषद द्वारा आयोजित दशहरे मेले की शुरुआत रावण दहन के साथ हुई। चाल साल बाद मेला आयोजित होने के चलते रावण दहन के कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी। ऐसा लगा कि जैसे पूरा शहर ही इंदिरा गांधी स्टेडियम पहुंच गया हो, लेकिन रावण दहन के कार्यक्रम में रावण के पुतले का अपने आप जल जाना चर्चा का विषय रहा।
बीती रात इंदिरा गांधी स्टेडियम में रावण दहन से पूर्व आतिशबाजी का दौर शुरु हो गया। करीब 1 घंटे आतिशबाजी के बाद पुतला दहन की प्रक्रिया शुरु हुई तो परम्परा के अनुसार अतिथि के रूप में पहुंचे धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत, जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल, पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत, सभापति संदीप शर्मा, संत रमताराम, दिग्विजय राम सहित नगर परिषद के पार्षद आदि पहुंचे और मंत्रोच्चार के साथ सबसे पहले रिमोट के जरिए मेघनाथ का पुतला जलाया गया। पुतला दहन से पहले मेघनाथ की नाभि से आग निकली, हाथ का चक्र घुमा और देखते ही देखते पुतला जलने लगा लेकिन कुछ ही सैकण्डों के बाद अचानक रावण का पुतला भी धूं-धूं करके जलने लगा और नगर परिषद की रावण को अंत में जलाने की तैयारियां धरी रह गई। आनन फानन में बाद में बचे कुंभकरण के पुतले को भी आग लगाकर उसका दहन किया गया।
गौरतलब है कि हर बार मेघनाथ फिर कुंभकरण और अंत में रावण के पुतले का दहन किया जाता है, लेकिन मेघनाथ के बाद अचानक रावण का जलना लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। कई लोग यह कहते दिखे कि रावण अपनी गैरत से खुद ही जल गया।000.jpg