चित्तौडगढ़ महिला एवं बाल चिकित्सालय की नवजात शिशु इकाई राजस्थान में अव्वल

in #news2 years ago

snue.jpgचित्तौड़गढ़। जयपुर के मैरियट होटल में 20 एवं 21 मई को आयोजित नवाचार कार्यक्रम न्यूबोर्न एंड चाइल्ड हेल्थ असेसमेंट प्लान फॉर राजस्थान में एसएनसीयू चित्तौडगढ़ को राज्य की सर्वश्रेष्ठ इकाई के रूप में प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया। पिछले 10 वर्षो से लगातार प्रथम स्थान पर काबिज रहते हुए एसएनसीयू इकाई ने हमेशा चित्तौडगढ़ को गौरान्वित किया है एवं न सिर्फ राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी विशेष पहचान बनाई है।
एमडी एनएचएम डॉ जितेंद्र सोनी के मुख्य आतिथ्य एवं युनिसेफ की चीफ सुश्री ईशाबेल के विशिष्ठ आतिथ्य में आयोजित इस कार्यशाला में राज्य की 62 एसएनसीयू इकाइयों के प्रभारी, एनबीएसयू इकाइयों के प्रभारी, आरसीएचओ एवं पीएमओ ने भाग लिया । साथ ही युनिसेफ के अधिकारीगण वं सदस्य भी मौजूद थे। जनवरी माह में युनिसेफ, निदेशालय एवं सीफू के माध्यम से टीमें बनाकर अलग - अलग इकाइयों को सर्वेक्षण एवं आंकलन करवाया गया था । इस आंकलन के आधार पर नवजात शिशु को क्वालिटी केयर हेतु 2022 से 2025 तक की कार्य योजना तैयार की गई जिसे फोलो करते हुए 2025 के आईएनए (इंडियन न्यू बोर्न एक्शन प्लान) के लक्ष्यों को अर्जित किया जा सकें।
निदेशक आरसीएच डाॅ. के.एल.मीना, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ( शिशु स्वास्थ्य) डाॅ. गुनमाला जैन एवं युनिसेफ चाइल्ड स्पेशलिस्ट डाॅ. अनिल अग्रवाल द्वारा प्रदान किये गए इस सम्मान ( स्मृति चिन्ह) को डाॅ. जय सिंह, प्रभारी एसएनसीयू चित्तौडगढ़ द्वारा प्राप्त किया गया।
वर्ष 2021 - 2022 मे एसएनसीयू चित्तौडगढ़ कुल 2080 नवजात भर्ती हुए जिसमें 52 फीसदी कम वजनी, 53फीसदी प्रीमेच्योर थे। इन में से 3. 1 फीसदी बच्चों को नही बचाया जा सका। , 3 . 2 फीसदी बच्चों को उदयपुर हेतु रेफर किया गया एवं 94 फीसदी को सफलतापूर्वक जीवनदान प्रदान कर घर सुरक्षित भेजा गया। इस वर्ष की सबसें शानदान उपलब्धि मात्र 600ग्राम के शिशु को भर्ती कर 4 महीनों तक लगातार स्टाॅफ ने मेहनत कर बचाया एवं 1800ग्राम होने पर युनिट से डिस्चार्ज किया जो संभवतया राज्य में जिला स्तरीय हाॅस्पिटल में पहला मामला है।