AIMIM चीफ ओवेसी बोले चीन जैसी गलती ना करें भारत नहीं करूंगा कानून का समर्थन
नई दिल्ली, 14 जुलाई : जनसंख्या के मुद्दे पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि अगर सरकार 'दो बच्चों का कानून' अनिवार्य करती है तो वे इसका समर्थन नहीं करेंगे।
उन्होंने आगाह करने के अंदाज में कहा कि भारत को चीन जैसी गलती नहीं दोहरानी चाहिए।
दरअसल, असदुद्दीन ओवैसी आबादी के मुद्दे पर मुखर बयान देने के लिए मशहूर हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा, वे भारत में 'केवल दो बच्चे' पैदा करने को लेकर अनिवार्य नियम या किसी भी कानून का समर्थन नहीं करेंगे। ओवैसी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, हमें चीन की गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए। मैं ऐसे किसी भी कानून का समर्थन नहीं करूंगा जो दो बच्चों की नीति को अनिवार्य करता है क्योंकि इससे देश को कोई फायदा नहीं होगा।" बकौल ओवैसी भारत की कुल प्रजनन दर घट रही है, 2030 तक यह स्थिर हो जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले, ओवैसी ने आबादी के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान का भी जवाब दिया था। योगी के 'जनसंख्या असंतुलन' वाली टिप्पणी के जवाब में ओवैसी ने कहा था, मुसलमान गर्भनिरोधक का सबसे अधिक उपयोग कर रहे हैं। योगी के ही स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए किसी कानून की जरूरत नहीं है।
जनसंख्या के मुद्दे पर एक अन्य सवाल- आबादी के सवाल पर मुसलमानों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है ? हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ समय पहले दिए गए बयान में कहा था, "क्या मुसलमान भारत के मूल निवासी नहीं हैं? अगर हम वास्तविकता देखें, तो मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग हैं। यूपी में, बिना किसी कानून के, वांछित प्रजनन दर 2026-2030 तक हासिल की जा सकती है।"
जनसंख्या वृद्धि पर बयानों का सिलसिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी के बाद शुरू हुआ। CM योगी ने कहा था, ऐसा नहीं होना चाहिए कि कुछ समुदायों की आबादी अधिक होने के कारण अन्य समुदायों को जागरूकता या दबाव के माध्यम से अपनी आबादी स्थिर करनी पड़े। मुख्यमंत्री ने अन्य समुदाय के साथ 'मूल मूल निवासी' भी जोड़ा था।
बता दें कि दो बच्चों की नीति एक विवादास्पद मुद्दा है। पहले भी कई मौकों पर इसकी चर्चा हो चुकी है। असम, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में यह प्रावधान है कि यदि किसी व्यक्ति के दो से अधिक बच्चे हैं, तो जनप्रतिनिधि स्थानीय निकाय चुनाव नहीं लड़ सकते।