दिल्ली सरकार 38155 करोड़ रुपये के कर्ज में डूबी हुई- चौ0 अनिल कुमार

in #delhi2 years ago

नई दिल्ली, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने आज दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र में टेबल की गई सी.ए.जी. (केग) की रिपोर्ट की सच्चाई को उजगार करते हुए कहा कि केजरीवाल यह झूठा भ्रम फैला रहे है कि दिल्ली सरकार ने पिछले 7 वर्षों में 1 रुपये का भी लोन नही लिया जबकि वास्तविकता यह है कि वर्ष 2022 तक दिल्ली के उपर 38,155 करोड़ रुपये कर्ज बढ़ गया है। सीएजी रिपोर्ट बताती है कि केजरीवाल ने 7 वर्षों 27,684 करोड़ रुपये लोन लेकर दिल्ली कर्ज में डूबती जा रही है जबकि पिछली परम्परा अनुसार दिल्ली का बजट तो प्रत्येक वर्ष बढ़ता रहता है और केजरीवाल अपनी नाकामियों, विफलताओं को छिपाने के लिए गुजरात में जाकर झूठ बोल रहे है कि दिल्ली के पास सरप्लस बजट है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष में भाजपा का विधानसभा सत्र में मौन रहना साफ दर्शाता है कि भाजपा और आम आदमी पार्टी अंदरुनी तौर पर मिले हुए है, इन्हें दिल्ली की जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नही है।

प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए चौ0 अनिल कुमार ने यह बयान दिया। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक जय किशन, पूर्व विधायक राजेश जैन और कम्युनिकेशन विभाग के उपाध्यक्ष अनुज आत्रेय मौजूद थे।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने अपनी नाकामियों को छिपाने सत्र में रिपोर्ट पर कोई चर्चा नही की गई जबकि 31.3.2020 तक की रिपोर्ट का सारांश बताता है कि रिपोर्ट में बताने की जगह छिपाने का काम ज्यादा किया गया है। स्टेट फाईनेंस ऑडिट पहल रिपोर्ट में यह उजागर करती है कि बड़े-बड़े दावे करने वाले अरविन्द केजरीवाल वर्ष 2019-20 में 64,180.68 करोड़ के बजट का 19.74 प्रतिशत 12,670.65 करोड़ खर्च ही नही कर पाई जिसकी 74.03 प्रतिशत राशि 9,380.69 करोड़ रुपये खर्च नही करने के कारण सरेंडर कर दिया और 3289.96 करोड़ का बजट समर्पण न करने के कारण लैप्स हो गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली का दुर्भाग्य है कि विकास में काम आने वाली बजट की 49,731.50 करोड़ राशि केजरीवाल दिल्लीवासियों के हितों और कल्याण के लिए खर्च ही नही कर पाई।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट में केजरीवाल की दिल्ली सरकार में भ्रष्टाचार का प्रमाण पारदर्शिता के साथ उजागर होता कि दिल्ली सरकार पिछले 7 वर्षो में जीडीपी की तुलना में राजस्व का घाटा बढ़ा है जो -0.33 प्रतिशत के साथ 3039 करोड़ तक पहुॅच गया है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार और अपनी विफलताओं के उजागर होने के डर के कारण मुख्यमंत्री ने टेबल की गई रिपोर्ट पर चर्चा नही की जबकि यह सभी जानते है इनके 80 प्रतिशत मंत्री जेल जा चुके है, 32-38 विधायकों पर आरोप साबित हो चुके जबकि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जेल में है और वित्त मंत्री के खिलाफ आरोप साबित हो चुके है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल अपने चुनावी उदेश्यों को पूरा करने और लोगों का ध्यान भ्रमित करने के लिए प्रतिदिन नई-नई घोषणाएं कर रहे है।
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