दिल्ली की जनता शुद्ध पानी की जगह बदबूदार और प्रदूषित पानी पीने को मजबूर है-आदेश गुप्ता
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने केजरीवाल को सपनों का सौदागर बताया और कहा कि दिल्लीवालों को केजरीवाल आज कल रोज नए-नए सपने दिखाते हैं और फिर उन सपनों को दूसरे राज्यों में जाकर चुनावी वायदों के रुप में इस्तेमाल करते हैं। श्री गुप्ता ने केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली को ‘झील का शहर’ बनाने की बात मुंगेरी लाल के हसीन सपना बताते हुए कहा कि आज दिल्ली के तीमारपुर में 24 एकड़ में झील बनाने की बात कर रहे हैं और पानी शुद्धीकरण की बात कर रहे हैं, लेकिन पिछले आठ सालों से ऐसे ही वे सपने दिल्लीवालों को दिखा रहे हैं और अभी भी स्थिति यह है कि दिल्ली की जनता पीने के शुद्ध पानी के लिए तरस रही है।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली को झील का शहर बनाने की बात तो कर रहे हैं लेकिन मां यमुना की सफाई न करके जो स्थिति कर दी है, वह किसी से छिपी नहीं है। केंद्र सरकार द्वारा एसटीपी प्लांट लगवाने के लिए 2409 करोड़ रुपये दिए गए, ना ही उन पैसों का कुछ हुआ और आज तक ना ही एसटीपी प्लांट ही लगे। चार सालों में 883 करोड़ रुपये पर्यावरण सेस वसूल करने वाली केजरीवाल सरकार ने पर्यावरण के नाम पर सिर्फ 1.6 फीसदी ही खर्च किया है। गंदा पानी और जहरीली हवा में सांस लेना दिल्ली की पहचान केजरीवाल ने बना डाली है।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल दिल्ली की जनता को घर-घर नल से शुद्ध पानी देने का वायदा किया था और आज तक उसे पूरा नहीं किया गया। जनता बदबूदार और प्रदूषित जल पीने को मजबूर हैं जिसे पीकर जनता पेट की बीमारियों का लगातार शिकार हो रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ईको पार्क बना रही है जबकि दिल्ली की 65000 करोड़ रुपये का बजट होने के बावजूद केजरीवाल प्रदूषण पर काबू तक नहीं पा सके। यमुना दिल्ली के लिए वरदान थी, लेकिन आज केजरीवाल ने इसे अभिशाप बना डाला है।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल पिछले आठ सालों से युवाओं को वाई-फाई, दिल्ली को सीसीटीवी कैमरे, स्मोग टावर, बसों में मार्शल आदि का सपना दिखाकर दिल्लीवालों को झांसा दे रहे हैं और इसके नाम पर करोड़ों रुपये का विज्ञापन अपना चेहरा चमकाने के नाम पर खर्च कर रहे हैं। लेकिन आज तक कोई भी उनका वायदा पूरा नहीं हुआ और उन्हीं सपनों जैसा दिल्ली को झील बनाने की बातें भी सिर्फ सपना ही रह जाएगा।