मंत्री राकेश सचान के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की तैयारी में सरकार

in #kanpur2 years ago

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प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के खिलाफ दर्ज चार मुकदमों को वापस लेने के लिए पुलिस-प्रशासन वजह तलाशने में जुटा है। जिला प्रशासन और पुलिस सचान पर दर्ज चार केसों की स्टेटस रिपोर्ट बनाने में जुटी है। ग्वालटोली, कोतवाली और नौबस्ता में दर्ज मुकदमों की जांच रिपोर्ट से लेकर आरोप, केस वापस होने के संबंध में डीएम और पुलिस, अभियोजना अधिकारी की राय के अलावा केस डायरी में दर्ज साक्ष्यों पर अभियोजन अधिकारी की राय मांगी गई है।
हालांकि नौबस्ता वाले मामले में शनिवार को उन्हें सजा सुनाई जानी थी, इससे पहले ही वे कोर्ट से चले गए। जिन मामलों की रिपोर्ट तैयार की जा रही है, उसमें नौबस्ता और कोतवाली में दर्ज आर्म्स एक्ट के मामलों के अलावा ग्वालटोली थाने में जान से मारने की धमकी जैसी कई धाराओं के दो मामले शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि शनिवार को कोर्ट में हुए घटनाक्रम के बाद शासन की ओर से रिपोर्ट जल्द से जल्द भेजने के लिए कहा गया है। कोशिश है कि इस मामले में अगली सुनवाई से पहले सचान पर दर्ज केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।

राकेश के खिलाफ तीन और मुकदमे लंबित
राकेश सचान के खिलाफ एसीएमएम तृतीय की ही अदालत में तीन और मुकदमे भी चल रहे हैं। इनमें से दो ग्वालटोली थाने और एक कोतवाली में वर्ष 1990-91 के दौरान दर्ज हुए थे। ग्वालटोली थाने में दर्ज एक मुकदमे में राकेश सचान पर आरोप है कि उन्होंने बिजली कनेक्शन दिलाने का दबाव बनाया और न मानने पर बिजली कर्मियों से मारपीट की थी, वहीं दूसरे मुकदमे में आरोप है कि परमट स्थित हिंदी भवन में राकेश ने साथियों के साथ मिलकर गाली-गलौज, मारपीट व बलवा किया था। कोतवाली में दर्ज आर्म्स एक्ट के मुकदमे में आरोप है कि वह चुनाव में नामांकन के दौरान रिवाल्वर लेकर घूम रहे थे। असलहा जमा न करने के परमीशन नहीं दिखा सके थे। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई थी।
दिनभर तरह-तरह की चर्चाएं
कचहरी के साथ-साथ पूरे शहर और राजनीतिक गलियारों में शनिवार को चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। सोशल मीडिया में तरह-तरह की खबरें वायरल होने लगीं। किसी ने सचान को गिट्टी चोरी के मुकदमे का आरोपी बता दिया तो किसी ने भगोड़ा घोषित कर दिया। अदालत के बाहर मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लगा रहा। कचहरी चौकी प्रभारी और कोतवाली इंस्पेक्टर भी मामले की जानकारी करने कोर्ट पहुंचे। आते-जाते हर वकील की जुबां पर भी सिर्फ राकेश सचान का ही मामला था लेकिन वास्तविकता के बारे में रात तक लोगों को पता नहीं चल सका।
अधिकतम तीन साल की सजा, तुरंत मिल जाती जमानत
अभियोजन अधिकारी रिचा गुप्ता ने बताया कि राकेश सचान पर दर्ज आर्म्स एक्ट के मुकदमे में उन्होंने अधिकतम सजा दिए जाने की कोर्ट से मांग की थी। मामले में अधिकतम सजा तीन साल की है। कानून के जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में सजा सुनाए जाने के बावजूद राकेश को जेल नहीं जाना पड़ता। अपील के लिए समय दिए जाने का कानूनी अधिकार है। अपील की अवधि तक के लिए उन्हें तुरंत जमानत पर रिहा कर दिया जाता।